
भोपाल. नए कृषि कानून पर जारी सियासी तकरार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को यकीन दिलाया कि एमएसपी खत्म नहीं की जाएगी. हमारी सरकार ने किसानों की हर बात का ख्याल रखा है. हमने किसानों की उन मांगों को भी पूरा किया है, जिन पर वर्षों से मंथन चल रहा है. पीएम रायसेन में शुक्रवार को किसान सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान विपक्ष पर जमकर हमला भी किया. उन्होंने कहा मेरी इन बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं. हम नए रास्तों पर चलेंगे.
कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने किसानों का स्वागत किया. उन्होंन कहा कि पहले किसान क्रेडिट कार्ड हर किसी को नहीं मिलता था. लेकिन हमारी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड हर किसान के लिए उपलब्ध कराया है. हमारी सरकार ने किसान की एक-एक जरूरत को ध्यान रखते हुए कदम उठाए. बीते कई दिनों से जो कानून बने हैं कृषि सुधार कानून रातों रात नही आए, कई राज्य सरकारों, किसान, कृषि वैज्ञानिकों के साथ कई वर्षों से बात करने के बाद ये कानून आए हैं.
मोदी ने कहा- विपक्ष सोच रहा है कि जो काम हम केवल कहते थे वो मोदी ने कैसे किये. आप मुझे क्रेडिट मत दो, सारा क्रेडिट राजनीतिक दलों आप रख लो. मुझे केवल किसानों की तरक्की चाहिए. आप किसानों को भ्रमित करना छोड़ दो. ये कानून 6-7 महीने पहले आए, अब राजनीति की जा रही है, किसानों को विरोध के लिए आगे किया जा रहा है. मोदी ने किसानों से कहा- दाल पैदा करने वाले किसानों 50 हजार करोड़ रुपये दिए. हमने कानून में किसानों को आजादी दी है. किसान को जहां फायदा हो वहां बेचे, मंडी भी चालू है.
सबसे बड़ा सबूत स्वामीनाथन रिपोर्ट, इसे सालों दबाया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की बातें करने वाले लोग, झूठे आंसू बहाने वाले लोग कैसे हैं, इसका सबूत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट है। ये लोग इस रिपोर्ट को 8 साल दबाकर बैठे रहे, ताकि किसानों पर ज्यादा खर्च न करना पड़े. बार-बार झूठ बोला जा रहा है कि किसानों की जमीन चली जाएगी. हमारी सरकार बार-बार पूछ रही है कि किस क्लॉज में दिक्कत है, बताइए। इन दलों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। किसानों की जमीन चली जाएगी, इसका डर दिखाकर राजनीति चमकाई जा रही है. जब उन्हें सरकार चलाने का मौका मिला था, तब उन्होंने क्या किया, ये याद रखना जरूरी है। उनका कच्चा चिट्ठा आपके सामने खोलना चाहता हूं।
फार्मिंग एग्रीमेंट पर फैलाया जा रहा झूठ
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर. देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज है? नहीं. हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी किसी ने मुझे एक अखबार की रिपोर्ट भेजी 8 मार्च 2019 की. इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है. पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है. प्रधानमंत्री ने कहा कि फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है. जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं. नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है.
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