
मुरैना
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेश पार्टी द्वारा प्रशासन व पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि उपचुनाव में भाजपा के इशारे पर अधिकारियों द्वारा पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया गया और भाजपा प्रत्याशियों ने उनके संरक्षण में बूथों पर कब्जा कर एक तरफा मतदान कराया। कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा री-पोलिंग की मांग की गई, लेकिन प्रशासन ने इसे अनसुना कर दिया। शनिवार को कांग्रेस के कई पूर्व मंत्री एवं कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी प्रत्याशियों एवं हजारों कार्यकतार्ओं ने चंबल कमिश्नर कार्यालय पर जमकर नारेबाजी करते हुए पुनर्मतदान कराने की मांग की।
विधानसभा उपचुनाव में मुरैना जिले की 5 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को संपन्न हुए मतदान के दौरान मुरैना, सुमावली व जौरा विधानसभा में कई जगह हिंसा हुई तथा पोलिंग बूथों पर कब्जा कराकर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में एकतरफा मतदान कराया गया। उक्त आरोप जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों पर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत सहित कई पूर्व मंत्रियों ने ज्ञापन के माध्यम से लगाते हुए चंबल कमिश्नर रविंद्र मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। कमिश्नर कार्यालय पर हजारों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता 12 बजे से ही जुटना आरंभ हो गए और जमकर नारेबाजी की गई। कांग्रेसी प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने बताया कि जौरा विधानसभा क्षेत्र के 15 बूथों पर 3 नवंबर को संपन्न हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी द्वारा कब्जा कर लिया गया और एकतरफा मतदान कराया गया। इसी प्रकार सुमावली विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान केंद्रों पर भाजपा प्रत्याशी द्वारा एक तरफा मतदान कराया गया व बदमाशों द्वारा बूथों पर गोलियां चलाई गई। भिंड जिले की मेहगांव क्षेत्र में कई मतदान केंद्रों पर कब्जा कर मतदान कराया गया। उक्त घटना को देखते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान कई मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग की गई, लेकिन प्रशासन द्वारा भाजपा के दबाव में कोई रिपोर्ट प्रस्तुत ना कर पुनर्मतदान नहीं कराया गया है।
कांग्रेसी नेताओं ने संदेह जताया है कि 10 नवंबर को होने वाली मतगणना में भी प्रशासन द्वारा पक्षपात किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने मांग की है कि मतगणना में चुनाव आयोग के मतगणना निर्वाचन के निदेर्शों के अनुसार नियमों का पालन होना चाहिए, जिससे लोकतंत्र कायम रहे, यदि मतगणना में कहीं पक्षपात किया गया तो किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा एवं 3 नवंबर को चुनावों में हिंसा करने वालों के ऊपर कार्यवाही की जावे। कांग्रेसी नेताओं द्वारा दिए गए आवेदन पर भी उचित कार्रवाई की जावे। ज्ञापन में यह भी मांग रखी गई है कि डाक मतपत्रों की गणना सबसे प्रथम की जावे एवं मतगणना के प्रत्येक चरण के पूर्ण होने पर उस चरण की मतगणना का प्रमाण पत्र जारी किया जावे। मतगणना निष्पक्षता पूर्वक हो, इसकी उचित व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री लाखन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस अशोक सिंह, प्रदेश अध्यक्ष किसान कांग्रेस दिनेश गुर्जर, विधायक कुणाल चौधरी, प्रवीण पाठक, बैजनाथ कुशवाह, पंकज उपाध्याय, अजब सिंह कुशवाह, राकेश मावई, रविंद्र तोमर, सत्य प्रकाश सखवार, दीपक शर्मा, विष्णु अग्रवाल सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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